
लातेहार जिले के बरवाडीह अंचल में तैनात अंचल निरीक्षक सुरेश राम को एसीबी (एंटी करप्शन ब्यूरो) की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। उन पर एक महिला ने आरोप लगाया था कि सुरेश राम ने जमीन का दाखिल-खारिज कराने के बदले उनसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। एसीबी की टीम ने महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सुरेश राम को रंगे हाथ पकड़ लिया।
शिकायत और कार्रवाई की शुरुआत
*बरवाडीह की एक महिला ने एसीबी पलामू की टीम से संपर्क किया और शिकायत की कि अंचल निरीक्षक सुरेश राम ने उसके जमीन के कागजात बनाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की है। महिला का कहना था कि उसने कई बार काम के लिए सुरेश राम से संपर्क किया, लेकिन रिश्वत न देने के कारण उसका काम अटका हुआ था। इस शिकायत के बाद एसीबी पलामू के एसपी अंजनी अंजन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और इसके बाद एक टीम का गठन किया गया।
टीम की छानबीन और रंगे हाथ पकड़ने की योजना
एसीबी टीम ने मामले की गहन जांच की और पाया कि महिला द्वारा दी गई जानकारी सत्य है। इसके बाद, एक रणनीति बनाई गई। महिला को एसीबी की टीम ने विशेष प्रकार के केमिकल लगे रुपये दिए, ताकि बाद में उनके पास मौजूद पैसों के जरिए आरोपी को पकड़ा जा सके। गुरुवार को महिला को सुरेश राम के पास भेजा गया और जैसे ही आरोपी ने रिश्वत के पैसे अपने हाथ में लिए, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
अंचल निरीक्षक की गिरफ्तारी और एसपी की प्रतिक्रिया
इस संबंध में एसीबी के एसपी अंजनी अंजन ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सुरेश राम द्वारा लगातार महिला से रिश्वत की मांग की जा रही थी और उसके काम में अड़चन डाली जा रही थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब इस मामले में आरोपी को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और एसीबी टीम की कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
एसपी अंजनी अंजन ने आगे कहा कि रिश्वतखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील की कि यदि कोई रिश्वत मांगे तो वे इसकी जानकारी तुरंत एसीबी टीम को दें, ताकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा कि एसीबी की टीम इस तरह के मामलों में निरंतर सख्त कदम उठाती रहेगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखेगी।
रिश्वतखोरी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी
रिश्वतखोरी के मामलों में एसीबी की कार्रवाई लगातार बढ़ रही है। जिले में इस प्रकार के भ्रष्टाचार पर कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि आम जनता को परेशान करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा सकें। सुरेश राम की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट हो गया है कि रिश्वत लेने वाले अधिकारियों पर अब कोई भी दया नहीं की जाएगी और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा।
एसीबी की टीम ने इस मामले में अपनी तत्परता और प्रभावी कार्यवाही को दिखाते हुए एक और भ्रष्टाचार की चेन को तोड़ा है।इस कार्रवाई के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में भी डर पैदा होगा और वे जनता से रिश्वत मांगने से पहले सोचेगें। इसके साथ ही आम जनता का विश्वास एसीबी की टीम पर और बढ़ेगा।