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रामगढ़:- रामगढ़ पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अपहृत युवक को सकुशल बरामद कर लिया है। युवक को बिहार के पूर्णिया से बुलाकर रामगढ़ जिले में अपहृत किया गया था, और उसे एक किराए के मकान में बंद कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर उनके पास से हथियार, नशीली दवाएं और अन्य सामग्री भी बरामद की है। इस मामले की पूरी जानकारी रामगढ़ के एसपी अजय कुमार ने प्रेस वार्ता के दौरान दी।

अपहरणकर्ताओं का गिरफ्तारी और खुलासा

रामगढ़ पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि रामगढ़ थाना क्षेत्र के सिदो कान्हू जिला मैदान के पीछे एक घर में एक व्यक्ति को अपहृत कर रखा गया है। सूचना मिलने के बाद, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक विशेष टीम का गठन किया और उस घर की घेराबंदी की, जिसमें अपहृत युवक को रखा गया था। यह घर कुलदीप साव के नाम पर किराए पर था।

पुलिस ने जब घर के नीचे पार्किंग क्षेत्र में एक काले रंग की स्कॉर्पियो को देखा, तो वहां दो युवक खड़े हुए थे। पुलिस को देखकर एक युवक भागने लगा, लेकिन पुलिस ने उसे खदेड़ कर पकड़ लिया। दूसरे युवक को स्कॉर्पियो के पास से गिरफ्तार किया गया। जैसे ही अपहृत युवक ने पुलिस को देखा, उसने चिल्लाते हुए कहा, “सर, मुझे बचा लीजिए, इन दोनों ने मुझे अगवा कर इस कमरे में बंद कर दिया है, ये मुझे जान से मार देंगे।” इसके बाद, पुलिस ने अपहृत युवक से कमरे की चाबी मांगी और दरवाजा खोलकर उसे सकुशल मुक्त करा लिया।

इस मामले में गिरफ्तार दोनों अपहरणकर्ताओं की पहचान अमित कुमार और रविश मुंडा के रूप में हुई है। उनके पास से एक 9 एमएम का लोडेड पिस्टल, जिसमें 6 जिंदा गोलियां थीं, नशे में प्रयुक्त 6 रिडॉफ इंजेक्शन, 3 सिरिंज, 3 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप बरामद किया गया।

अपहरण की वजह और आरोपी का बयान

पुलिस ने जब गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की, तो अमित कुमार ने बताया कि उनका यह अपराध व्यक्तिगत कारणों से था। अमित कुमार ने बताया कि 2017 में उसने अपनी बहन के लिए परीक्षा पास कराने के उद्देश्य से धनंजय कुमार, जो उसका मित्र था, को 2 लाख रुपए दिए थे। लेकिन जब उसकी बहन परीक्षा पास नहीं कर पाई, तो अमित कुमार और रविश मुंडा ने धनंजय कुमार से पैसे वापस मांगने शुरू कर दिए।

अमित कुमार ने बताया कि जब धनंजय कुमार ने पैसे वापस करने से इंकार किया, तो उसने उसे बहला-फुसलाकर रामगढ़ बस स्टैंड से अपने सहयोगी रविश मुंडा के किराए के मकान में ले आया। वहां पर, अमित कुमार और रविश मुंडा ने उसे हथियार का डर दिखाकर अपहृत कर लिया। उन्होंने धनंजय कुमार को रस्सी से बांधकर और मुंह में टेप लगाकर उसे कमरे में बंद कर दिया ताकि वह शोर न मचाए। इसके बाद, आरोपियों ने धनंजय कुमार को धमकी दी कि यदि वह 50 लाख रुपए नहीं देगा और एग्रीमेंट पेपर पर साइन नहीं करेगा, तो उसे मार दिया जाएगा और उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया जाएगा।

धनंजय कुमार ने मौके पर भागने की कोशिश की

धनंजय कुमार, जो इस अपहरण के दौरान पूरी तरह से बंधा हुआ था, ने किसी तरह अपनी बांधी हुई रस्सी को खोलकर मुंह पर लगी टेप हटाई। फिर उसने खिड़की से सड़क पर चल रहे एक युवक को देखा और उसे आवाज दी, “मुझे अगवा कर लिया गया है और मुझे इस कमरे में बंद कर दिया गया है। तुम जल्दी से पुलिस को सूचित करो।” इस मौके का फायदा उठाकर उस युवक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए धनंजय कुमार को सकुशल बरामद कर लिया।

आरोपियों की गिरफ्तारी और बरामदगी

पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान अमित कुमार और रविश मुंडा को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से जो सामान बरामद किया गया, उससे यह प्रतीत होता है कि अपहरणकर्ताओं के पास न केवल हथियार थे, बल्कि वे नशीले पदार्थों का सेवन भी कर रहे थे। पुलिस ने इन दोनों के खिलाफ हत्या की धमकी, अपहरण, शारीरिक शोषण और अन्य गंभीर आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है।

एसपी अजय कुमार ने बताया कि इस मामले में पूरी जानकारी और जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने अपनी निगरानी को और कड़ा किया है और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने यह भी बताया कि यह मामला अपराधियों के आपसी द्वंद्व से जुड़ा था, लेकिन अब पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर एक जीवन को बचा लिया और अपराधियों को पकड़ लिया।

रामगढ़ पुलिस की तत्परता और सफलता

इस घटना ने एक बार फिर से रामगढ़ पुलिस की तत्परता और दक्षता को साबित किया है। पुलिस की त्वरित और सटीक कार्रवाई के कारण युवक को समय रहते बचा लिया गया और अपहरणकर्ताओं को पकड़ लिया गया। एसपी अजय कुमार ने अपनी टीम की तारीफ करते हुए कहा कि यह सफलता पुलिस की मेहनत और स्मार्ट रणनीति का परिणाम है।

इस मामले की पूरी जांच जारी है और पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के अन्य आपराधिक कृत्यों के बारे में भी जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया है। पुलिस ने स्थानीय जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में तुरंत सूचित करें ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण कदम

रामगढ़ पुलिस द्वारा किए गए इस ऑपरेशन ने यह भी दर्शाया कि पुलिस और प्रशासन की सतर्कता अपराधियों को शिकस्त देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस घटना ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर नागरिक और पुलिस मिलकर काम करें, तो किसी भी अपराध को रोका जा सकता है और अपराधियों को सलाखों के पीछे डाला जा सकता है।

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